उत्तर प्रदेश के झाँसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में लगी भीषण आग में कई नवजात शिशुओं की जान चली गई है। वर्तमान में 16 बच्चे स्थानीय अस्पतालों में घायल अवस्था में उपचाराधीन हैं।
झाँसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधा सिंह ने आज सुबह पुष्टि की कि मेडिकल टीमें घायल बच्चों को बचाने के लिए गहन प्रयास कर रही हैं। सभी उपलब्ध डॉक्टर और चिकित्सा सुविधाएं उनकी देखभाल के लिए तैनात की गई हैं।
प्रारंभिक जानकारी
प्रारंभिक रिपोर्ट्स में सुरक्षा में कमी की ओर इशारा किया गया है। सूत्रों के अनुसार, आपातकालीन प्रणालियों के अपर्याप्त रखरखाव के कारण फायर अलार्म विफल हो गए होंगे। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी श्री पाठक ने बताया कि फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट किया गया था और जून में एक मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा, "यह कैसे और क्यों हुआ, इस बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।"
जांच और मुआवजा
इस घटना की तीन स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं:
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच
- पुलिस जांच
- मजिस्ट्रेट जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों और डॉक्टरों को युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाने का निर्देश दिया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए 5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
झाँसी के डिवीजनल कमिश्नर और डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) को घटना की रिपोर्ट 12 घंटे के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
राष्ट्रीय नेतृत्व की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस खबर को "अत्यंत हृदय विदारक" बताते हुए शोक संतप्त परिवारों के लिए प्रार्थना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से पीड़ित परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये के अतिरिक्त मुआवजे की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने कहा, "जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।" उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।
विपक्ष की मांग
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित विपक्षी नेताओं ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अस्पताल प्रशासन को सभी जांचों में पूर्ण सहयोग करने का निर्देश दिया गया है, जबकि अधिकारी इस त्रासदी के कारणों का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।